वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय पद्धति है जो वास्तुकला, डिज़ाइन और पर्यावरण संतुलन को एकीकृत करके सामंजस्यपूर्ण रहने और कार्य करने की जगह बनाती है। वैदिक परंपराओं में निहित, वास्तु मानव आवासों को ब्रह्मांड की प्राकृतिक शक्तियों, जैसे सूर्य का प्रकाश, वायु, जल, पृथ्वी और अंतरिक्ष, के साथ संरेखित करने पर केंद्रित है ताकि ऊर्जा का प्रवाह सकारात्मक और सहायक बना रहे। वास्तु स्वास्थ्य, समृद्धि और समग्र कल्याण को प्रभावित करने वाले सूक्ष्म ऊर्जा क्षेत्रों पर विचार करके एक कदम आगे जाता है। आइए जानें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार हम अपने सपनों के घर को कैसे बदल सकते हैं।
18 चमत्कारी वास्तु उपाय
- दरवाज़े के मैट के नीचे या तकिए के नीचे फिटकरी रखने से नकारात्मक ऊर्जा और नजर दोष से सुरक्षा होती है।इसे प्रतिदिन विशेष रूप से शनिवार को बदलते रहना चाहिए ।
- मुख्य द्वार पर लाल कुमकुम से नौ बिंदु बनाना लक्ष्मी की वाणी और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
- ब्लैक टूरमालिन, सलेनाइट, ऑब्सीडियन, क्लियर क्वार्ट्ज प्रमुख क्रिस्टल हैं जो नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित या प्रतिफलित करते हैं। इन्हें कमरे के कोणों में या पैलेज़ के पास रख सकते हैं।
- श्री यंत्र, वास्तु पुरुष यंत्र या नौ ग्रहों का यंत्र विशेष रूप से प्रभावी माने जाते हैं।
- शंख, घंटा जैसी ध्वनि तरंगें नकारात्मक ऊर्जा को भंग करने में सहायता करती हैं।
- गायत्री मंत्र “ॐ” या अन्य धार्मिक मंत्रों का जाप या ध्वनि प्रवाह से वातावरण सकारात्मक होता है।
- समुद्री नमक या चट्टानी नमक से बने कटोरियाँ घर के कोनों में रखकर कुछ समय बाद निकाल देने से ऊर्जा साफ़ होती है।
- तुलसी, मनी प्लांट, बांस आदि केपौधे घर के पूर्व या उत्तर क्षेत्र में रासायनिक और मानसिक ऊर्जा को शुद्ध करते हैं।
- मुरझाए पौधों या कृत्रिम पुष्पों को निकाल देना जरूरी है क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकते हैं।
- मोर पंख को पूर्वोत्तर कोने में रखने से मानसिक शांति और बचाव मिलता है।
- नियमित रूप से खिड़कियाँ खोलकर घर को प्राकृतिक ऊर्जा से ओत-प्रोत रखें।
- उत्तर दिशा में एक्वेरियम स्थापित करना सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
- टूटा आइना या खराब घड़ी ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
- नरक, क्रूर जानवरो की तस्वीरें, गंदी या फटी कपड़े, या मृत पौधे घर के वातावरण को बिगाड़ते हैं इन्हें तुरंत हटाएं।
- मुख्य द्वार पर सात मिर्च और एक नींबू बांधना दोष और बुरी नजर से रक्षा करता है।
- पंचमुखी हनुमान की छवि पश्चिम या उत्तर दिशा में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- रसोई के उत्तर या पूर्व दिशा में मां अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाने से घर में पवित्रता, समृद्धि और भोजन की कमी नेहि होती है।
क्रासुला पौधा को धन का पौधा कहा जाता है। इसे सही दिशा में रखने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
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शास्त्र के ये 18 सरल और प्रभावी उपाय न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं बल्कि घर और जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति भी लाते हैं। चाहे वह फिटकरी का प्रयोग हो, क्रिस्टल और यंत्रों की स्थापना, शुभ पौधों का संवर्धन या धार्मिक मंत्रों का जाप प्रत्येक उपाय वातावरण को सकारात्मक बनाता है और जीवन की बाधाओं को कम करता है। नियमित रूप से इन उपायों का पालन करने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक एवं मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।
