परिचय
1. बाल झड़ने की समस्या
और उसके कारण
(तनाव, पोषण की
कमी, हार्मोनल बदलाव
आदि)
2. प्राकृतिक उपायों में
करी पत्ते का
महत्व
कैसे उपयोग करें और वे किस काम के हैं? मुर्रेया कोएनिगी का पाककला में उपयोग - ये खासकर दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशियाई रसोइयों में बहुत इस्तेमाल होते हैं। इन्हें मक्खन तेल या घीमें भूनकर विभिन्न व्यंजनों जैसे डाल, रासम, चटनी, पुलाव, उपमा आदि में मिलाया जाता है, जिससे मिट्टी जैसा सुगंधित स्वाद मिलता है सूखे करी पत्ते का स्वाद ताज़े पत्तों जितना नहीं होता। ताज़े पत्तों में ज़्यादा गहराई और महक होती है रख रखाव पेपर टॉवल में सहेजने पर पत्ते 1- 2 सप्ताह तक ताज़ा रहते हैं, फ्रीज़र में 2 माह तक भी सुरक्षित रहते हैं। आइए हाम करी पत्ते के फायदे के बारे में थोड़े से बिस्तार से जानते हैं इनके किया किया गून होती है।
करी पत्तों के पोषक तत्व
> आयरन और कैल्शियम
> एंटीऑक्सीडेंट
और अमिनो एसिड
1. मधुमेह नियंत्रण
टेस्टट्यूब और पशु अध्ययन में करी पत्ते की जड़ीबूटी और अर्क ने रक्तशर्कराको नियंत्रित करने और पेनक्रियाज की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में प्रभाव दिखाया है।
2. दिलका स्वास्थ्य का लाभ
अध्ययनों में देखा गया है कि करी पत्ते में मौजूद यौगिकों से एलडीएल
(खराब) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स कम हो सकते हैं, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम
होता है।
3. एंटीऑक्सिडेंट और सूजन कम
करी पत्ते एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं। इसमें मौजूद क्वेरसेटिन, कैटेचिन, रुटिन, गैलिक एसिड जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। इन्हें प्राकृतिक सूजनरोधी गुणों का स्रोत माना जाता है, जो सूजन से संबंधित समस्याओं में लाभकारी हो सकता है।
4. न्यूरो प्रोटेक्टिव और दिमागी स्वास्थ्य
जलीय अध्ययन और पशु मोडलों में करी पत्ता अर्क से अल्जाइमर संबंधित तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान सेबचने, मेमोरी में सुधार और एंटीऑक्सिडेंट एन्जाइम्स को बढ़ाने में लाभ मिला है।
5. कैंसर रोधी प्रभाव
कई टेस्टट्यूब और पशु अध्ययन इंगित करते हैं कि करी पत्ते में गिरिनिम्बाइन जैसे एल्कलॉइड और अन्य यौगिक कई प्रकार के कैंसर कोशिकाओं जैसे स्तन, कर्व,गर्भाशय में बढ़ने में रोकते हैं।
6. बाल और तैलीय स्वास्थ्य
पारंपरिक रूप से करी पत्ता तेल को बालों में लगाने पर बालों का झड़ना कम,समय से पहले सफेद होने से रुकना और नया बाल बढ़ना जैसे लाभ बताये जाते है।तेल में विद्यमान विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट्स की वजह से खोपड़ी को पोषण मिलता है, त्वचा संबंधीसमस्याओं जैसे रिंगवर्म, मुँहासे, खुजली आदि में करी पत्ता तेल को लाभदायक मानागया हैं।
7. पाचन सुधार और वजन संबंधीय
इन पत्तों में फाइबर कार्मिनेटिव और पाचन सुधारक यौगिक होते हैं जो कब्ज, अपच कम करना, मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करने में संभावित फ़ायदे भी देखे गए हैं।
8. लिवर सहायता, दांत स्वास्थ्य, एनीमिया
कुछ पशु अध्ययन से पता चला है कि ये पत्ते लीवर एन्जाइम गतिविधि बढ़ानेका औरलीवर को नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं। आयरन और फोलेट की उपस्थिति के कारण करी पत्ते अनिमिया में लाभदायक हो सकते हैं, खून की कमी को सुधारते हैं और थकान एवं संक्रमण की संभावनाएं कम कर सकते हैं।इनके कुछ अध्ययन में मुंह में बक्टीरिया रोकने, मसूड़ों को मजबूत करने और मौखिक स्वास्थ्य बनाये रखने में इनके कार्यप्रभावी पाए गए हैं।
सावधानी
अधिकतर मामलों में करी पत्ता सुरक्षित माने गए हैं, लेकिन कुछ पशु अध्ययन में पेट में हल्की तकलीफ जैसी प्रतिक्रिया देखी गयी है। अगर आप रक्तचाप या मधुमेह की दवाएँ ले रहे हैं, तो करी पत्ता अर्क का सेवन शुरू करने से पहले चिकित्सक से सलाह ले।
निष्कर्ष
अंत में कहा जा सकता है कि कर्री पत्ते सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी हैं। नियमित रूप से कर्री पत्तों का सेवन करने से शरीर को पोषण मिलता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। यह आयुर्वेद में भी एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में माना जाता है।
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